इस लड़की को थिएटर करते हुए एक दशक से ज़्यादा हो गया है । पर मैं इसे एक दशक से नहीं जानता, पिछले चार साल से जानता हूँ । चार साल पहले जब मैंने आजादपुर में अपना पहला नुक्कड़ नाटक किया तब से लेकर आजतक ये लड़की उसी जूनून उसी फकीरी उसी लगन के साथ काम करती दिखी है । आजकल जहाँ एक शार्ट फ़िल्म करने के बाद हर कोई अपने आप को superstar से कम नहीं समझता वहीँ दूसरी और Anand L Rai, Dhanush, TV Chandran और Oscar विजेता Ross Kauffman जैसे दिग्गज directors के साथ काम कर चुकी ये लड़की आज भी उतने ही उत्साह से नुक्कड़ नाटक करती है । वही ढीला काला कुर्ता, वही बुलंद आवाज़, वही audience से बातचीत, वही अपने एक्टर्स को लाइन से मेट्रो तक ले जाना, वही चिंता के सबको चाय मिली की नहीं , वही डफली, वही गाने । कुछ नहीं बदला । हर एक्टर की फ़िक्र के उस एक्टर का थिएटर ना छूट जाए, हर किसी से कहना जब भी वक़्त मिले आ जाना पर थिएटर मत छोड़ना । महत्वकांक्षा केवल इतनी के अगला नुक्कड़ और बेहतर हो जाए । इस लड़की का नाम है #ShilpiMarwaha
(Facebook post by "Nishant Aggarwal")
Great Job.
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